किन्नर से प्यार भाग - 20




कहानी _ **किन्नर का प्यार**

भाग_ 20 

लेखक _ श्याम कुंवर भारती 

सुनंदा अपने घर में बस रोए जा रही थी।उसकी मां उसे चुप कराने का प्रयास कर रही थी ।लेकिन वो चुप होने का नाम नही ले रही थी।
 रोऊं नही तो क्या करूं मां भगवान ने ही तो मुझे रोने के लिए भेजा है।सब कुछ होते हुए भी एक छोटी सी कमी के कारण लोग मेरा तिरस्कार और उपहास कर रहे हैं।
मोहल्ले वाले मुझे यहां से निकलाना चाहते है ।कॉलेज में सब मुझे पढ़ने नही देना चाहते है । बोलो मां मैने किसी का क्या बिगाड़ा है।मैं अपनी कमजोरियों के कारण पहले से ही दुखी हूं ।ऊपर से समाज मुझपर अलग से दुख दे रहा है।
आखिर मैं करूं तो क्या करूं । सुनंदा ने रोते हुए कहा ।
तुम अपने आपकी मजबूत करो ।खुद को इतनी सक्षम बनाओ की तुम्हारी हर कमजोरी पर हाबी हो जाए।तुम निखरो, चहको और महको तभी वहा आते हुए राखी ने उसका हौसला बढ़ाते हुए कहा ।
तुम चिंता मत करो।मैने प्रवेश से बात किया है ।वो अपने कॉलेज के स्टूडेंट यूनियन और कॉलेज प्रबंधन से बात कर तुमको कॉलेज जाने की अनुमति दिलाने का प्रयास करेगा ।
अगर बातचीत से वे लोग नही माने तो उनपर कानूनी कारवाई करने की बात कर रहा था वो ।
राखी ने बताया ।इतना ही नहीं प्रवेश के पापा एस पी साहब से बात कर मोहल्ले वालों पर भी कार्यवाई करने का प्रयास करेंगे ।कोई तुम्हे कही आने जाने और रहने से रोक नही सकता।

राखी ने आगे कहा ।
तुम तो इतना कर रही हो यार सच में तुम्हारी जैसी सहेली भगवान सबको दे।
सुनंदा को उसकी बातो से काफी राहत और हिम्मत मिली थी।उसने रोना बंद कर उसकी तारीफ करते हुए कहा।
अरे सखी मैंने तो जितना किया किया लेकिन मुझसे ज्यादा उस प्रवेश पांडेय ने किया ।वो तुम्हे बहुत मानता है जबकि वो तुम्हारे बारे में सबकुछ जानता है।इसको बोलते हैं मानवता।
राखी ने कहा ।
तुमको पता है जब तुम किडनेप हो गई थी ।उसने तुम्हारी बरामदगी के लिए केंडल मार्च निकाला था तभी तो पुलिस पर दबाव बना।
उसके पिता ने खुद पुलिस अधीक्षक से तुम्हारी रिहाई के लिए बात किया था ।अब वो तुम्हारे कॉलेज जाने के लिए सबको मानने में लगा।
फिर उसने नफरत से कहा _ और एक तुम्हारा जिगरी दोस्त है राहुल उसने तुम्हारी कोई मदद या सहानुभूति तो नही किया उल्टे मुझे फोन करके तुम्हारे बारे में उल्टा सीधा बोल रहा था।तुम्हे धोखेबाज ,चालबाज और पता नहीं क्या क्या कर रहा था।जबकि ऐसे समय में उसे हमारा साथ देना चाहिए था ।हमारा हौसला बढ़ाना चाहिए था।
लेकिन हमारे जले पर नमक छिड़क रहा था।वो एक नंबर का मतलबी और स्वार्थी लड़का है ।तुम उससे दूर रहो ये मैं कह रही हूं।
इतना ही नही उसकी मां ने भी मुझे फ़ोन कर मुझे बहुत जली कटी सुनाई ।मुझे ताना मारी ।मेरा दिल छलनी छलनी हो गया।उसकी मां ने रोते हुए कहा ।
दोनो की बाते सुनकर सुनंदा हैरान रह गई ।उसे राहुल और उसकी मां से ऐसी हरकत की उम्मीद नहीं थी।
उसका दिल फटने लगा था।उसकी आंखो से फिर आंसू बहने लगे।जिसको खुद से भी ज्यादा प्यार किया उसने ऐसा सिला दिया ।मैने तो उसके साथ कोई छल नही किया।उसकी पढ़ाई पूरी होने के बाद उसे सब सच बताना चाहती थी ।फिर भी उसने मुझे धोखे बाज कहा ।
उसे मैं अपनी जान समझती थी ।अब वही मेरी जान ले रहा है। गैरो का अपमान और तिरस्कार तो मैं सह सकती हूं लेकिन जो सबसे मेरा एक्स अजीज था उसका अविश्वास और तिरस्कार मुझसे सहा नही जायेगा ।में तो मर ही जाऊंगी ।
यह सब सोचते सोचते वो फुट फुट कर रोने लगी।
अब रोना बंद कर और आज के बाद उस स्वार्थी लड़के से दूर रहो।तुम नही बल्कि वो तुम्हारे लायक नहीं है।भले ही वो डीएम सीएम बन जाए मगर तुम भी उससे कम नही हो ।तुम भी सबसे टॉप लॉ कॉलेज में पढ़ रही हो। 
जिस दिन तुम्हारी पढ़ाई पूरी होगी तुम देश की बहुत बड़ी वकील बनोगी।बड़ी बड़ी बिजिनेश कंपनिया और लॉ फॉर्म तुम्हे चिराग लेकर खोजेंगी।
राखी ने उसे साफ साफ शब्दों में कहा ।
तभी उसके घर के बाहर पुलिस की एक जिप रुकी और अपने पुलीस बल के साथ दरोगा साहब उतरे।
उन्होंने सुनंदा के माता पिता को बुलाया और कहा हमे एस पी साहब ने भेजा है।मेरे लोग मोहल्ले वालों को अभी बुलाकर लायेंगे और उन्हे वार्निंग देंगे की आज के बाद किसी ने आपकी बेटी को मोहल्ले से बाहर जाने के लिए कहा या धमकाया तो उन्हें हवालात में डाल दिया जायेगा ।
उन्होंने वही किया । मोहल्ले वाले पुलिस के डर से दारोगा की बात मानकर चले गए।
सुनंदा के माता पिता ने राहत की सांस लिया।उन्होंने दरोगा साहब का अभार ब्यक्त किया ।जाते जाते दारोगा ने कहा _ अगर दुबारा आपकी बेटी को तंग किया तो तुरंत मुझे सूचित करे मैं सबकी जमकर क्लास लूंगा।
कॉलेज में प्रवेश ने स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष और सचिव से बात किया और समझाया और कहा कि _ सुनंदा किन्नर नही है ।थोड़ी बहुत जो शारीरिक कमजोरी है उसे इलाज से दूर किया जा सकता है।वो कॉलेज की होनहार छात्रा है ।उसे कॉलेज में आने से नही रोकना चाहिए।उसका भविष्य खराब हो जायेगा ।
अगर वो किन्नर होती तब भी क्योंकि कानून ने किन्नरो को समानता का अधिकार दिया है। हम उन्हे पढ़ने लिखने और रोजगार करने से नही रोक सकते ।
अध्य्क्ष ने कहा मुझे माफ करो प्रवेश।इस बार सुनंदा के विरोध में कॉलेज के आधा से ज्यादा छात्र है मैं उनके विरोध नही जा सकता।
ठीक है मैं प्रिंसिपल साहब से मिलता हूं अगर वो भी नही माने तो फिर कोर्ट में सबसे मुलाकात होगी।
प्रिंसिपल ने भी साफ मना कर दिया ।जब तुम्हारी यूनियन का अध्यक्ष तैयार नहीं तो मैं कुछ कर नही सकता।अगर वो राजी हो जाए तो मुझे सुनंदा के कॉलेज आने पर कोई आपत्ती नही है।
प्रवेश को बहुत निराशा हुई ।उसने अपने पापा से बात किया और पूछा अब क्या करे पापा कोई तैयार ही नहीं है।
तुम अपने साथियों से बात करो और प्रिंसिपल और पुलिस थाना को इन्फॉर्म कर कॉलेज में हड़ताल करवा दो।
सुनंदा को भी बुला लो और इसको लेकर कॉलेज के गेट पर धरना पर बैठ जाओ ।मैं एस पी साहब से बात करता हूं।
प्रवेश के अच्छे व्यवहार और सबका मददगार होने के कारण कॉलेज में उसके काफी छात्र छात्राये समर्थक थे।उसने सबसे बात कर कॉलेज में हड़ताल करने को राजी किया और प्रिंसिपल के साथ अध्यक्ष को लिखित सूचना दिया की जबतक सुनंदा को कॉलेज आने का परमिशन नही दिया जाएगा तब तक कॉलेज में हड़ताल रहेगी।
थोड़ी ही देर में कोलेज में अफरा तफरी मच गई ।सारे क्लास बंद कर दिए गए।पूरी पढ़ाई ठप कर दी गई।
सैकड़ों छात्र छात्राओं के साथ वो कॉलेज के गेट पर धरना देने बैठ गया।उसने फोन कर सुनंदा को भी बुला लिया।एक साथी को सुचना पत्र देकर पुलिस थाना भेज दिया ।
थोड़ी देर में सुनंदा राखी के साथ पहुंच गई।वो भी धरने पर बैठ गई।
प्रिंसिपल और अध्यक्ष उसे समझाने को बहुत कोशिश किए मगर वो नही माना ।
अध्यक्ष ने उसे धमकी देते कहा _ तुम नियम के खिलाफ जा रहे हो ।तुम्हे बहुत महंगा पड़ेगा मेरे खिलाफ जाकर ।
प्रवेश ने कहा _ मानवता से बढ़ कर कोई नियम नहीं है।जिस नियम से किसी निर्दोष की जिंदगी बरबाद होती हो उसे मैं नही मानता।
तभी उसके पापा का फोन आया और वे बोले _ तुम सुनंदा की सहेली राखी को मेरे पास कोर्ट में भेजो ।कॉलेज प्रबंधन और स्टूडेंट यूनियन के अध्य्क्ष के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर करनी है ।
ठीक है पापा मैं भेजता हूं।
प्रवेश ने कहा ।
जल्दी भेजो ताकि पुलिस के वहा पहुंचने से पहले उनके खिलाफ केस दर्ज करवा सकूं।
ठीक है पापा अभी भेजता हूं ।उसने राखी को सब समझाकर दो छात्रों के साथ अपने पापा के पास कोर्ट भेज दिया।
थोड़ी ही देर में मीडिया के लोग भी वहा पहुंच गए और लाइव न्यूज का प्रसारण करने लगे ।यह मामला थोड़ी ही देर ने पुरे शहर में फेल गया।
टीवी पर सारा हाल राहुल की मां भी देख रही थी और अपना मुंह बिचका रही थी ।सुनंदा प्रवेश और कॉलेज के सैकड़ों छात्र छात्राओं के साथ कॉलेज के गेट पर बैठी हुई नजर आ रही थी ।
और मीडिया के सवालों का जवाब दोनो दे रहे थे।
अब ये कौन लड़का है राहुल की मां ने मन ही मन में सोचा।फिर उसने तुरत राहुल को सुनंदा के धरने के बारे में बताकर कहा _देखो तुम्हारी सुनंदा आज कॉलेज में क्या हंगामा कर रही है।
राहुल ने तुरंत अपने मोबाइल पर न्यूज देखने लगा।
अपने अधिकारों के लिए लड़ती सुनंदा को देखकर उसे गर्व हुआ लेकिन फिर उसके झूठ के बारे में सोच कर उसने न्यूज बंद कर दिया ।न्यूज तो बंद कर दिया ।लेकिन दिल में हलचल तूफान मचा रही थी ।वो तय नहीं कर पा रहा था की वो उसके साथ सही कर रहा है या गलत ।कुछ तो था जो उसके दिल में खटक रहा था और उसे चैन नही लेने दे रहा था।
नीलम उसके साथ नजदीकिया बढ़ाने में लगी हुई थी ।लेकिन राहुल न तो उसके नजदीक जा पा रहा था और न सुनंदा से दूर जा पा रहा था ।एक अजीब सी कसमकस में वो पड़ा हुआ था ।
शाम तक पुलिस ने प्रिंसिपल और अध्यक्ष को गिरफ्तार कर पुलिस हाजत में डाल दिया ।
प्रवेश ने धरना तोड़ दिया था । कॉलेज अगले दिन से खुल गया था ।
किडनैपिंग के केस में सुनंदा को कोर्ट जाकर पुष्पा किन्नर और उसके साथियों की पहचान करनी पड़ी ।
राखी ,उसके माता पिता और बबिता किन्नर गवाह बनाए गए थे ।
सुनंदा की तरफ से सरकारी वकील ( पीपी ) थे प्रवेश के पापा ।
पुष्पा ने भी अपने लिए एक बचाव पक्ष में वकील नियुक्त कर लिया था।

शेष अगले भाग _21 में।
लेखक _ श्याम कुंवर भारती
बोकारो, झारखंड



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1 Comments

Mohammed urooj khan

04-Nov-2023 12:47 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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